कैलाश मानसरोवर यात्रा में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय
Kailash Mansarovar Me Ghumne ki Jagah : दोस्तों अगर आप कैलाश मानसरोवर में घूमने की जगह ढूंढ रहे हैं तो, आज आप बिल्कुल सही जगह पर है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की कैलाश मानसरोवर एक ऐसा पवित्र स्थान है, जो अपने धार्मिक महत्त्व के लिए दुनिया भर में जाना-जाता है।
साथ ही इस स्थान पर मानसरोवर झील एक बहुत ही खूबसूरत जगह है, जो कैलाश पर्वत से 20,000 अधिक फीट की ऊंचाई पर स्थित है। बता दें कि यह झील पवित्रता का प्रतीक है, जिसके बारे में वहाँ के लोगों का कहना है कि, इस झील में नहाने से इंसान को अपने जीवन में किये गए सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

अगर आप भी सच में इस झील के दर्शन प्राप्त करना चाहते है, तो आपको अपने जीवन में एक बार जरूर कैलाश मानसरोवर दर्शन के लिए तो अवश्य जाना चाहिए।
इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको कैलाश मानसरोवर की खूबसूरती के बारे में बताएंगे। आज मैं आपको बताने वाला हूँ की कैलाश मानसरोवर में ऐसा क्या है, जो आपको आकर्षित कर सकता है। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको कैलाश मानसरोवर से संबधित सभी जानकारी प्राप्त हो सके।
कैलाश मानसरोवर यात्रा में घूमने की जगह | Kailash Mansarovar Me Ghumne ki Jagah
कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में रोचक तथ्य
दोस्तों अगर आपने कैलाश मानसरोवर घूमने का प्लान बना ही लिया है तो, सबसे पहले आपको कैलाश मानसरोवर के बारे में कुछ महत्वपर्णू रोचक तथ्य के बारे में भी जान लेना चाहिए, ताकि आपकी कैलाश मानसरोवर घूमने की जिज्ञासा और भी ज्यादा बढ़ जाएं।
- कैलाश मानसरोवर संस्कृत के दो शब्दो से मिलकर बना है और वो है मानस और सरोवर, जिसका अर्थ होता है मन और सरोवर।
 - कैलाश मानसरोवर पर्वत की ऊंचाई लगभग 22 हजार फीट हैं।
 - ऐसी मान्यता है की कैलाश पर्वत पर भगवान बुद्ध और मणिपज्ञा का निवास हैं।
 - हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कैलाश पर्वत पर भगवान शिवजी विराजते हैं।
 - ऐसी मान्यता है की सबसे पहले मानसरोवर झील की खोज महाराजा मान्धाता ने की थी। उन्होंने इस झील के कीमारे बैठ के काफी वर्षो तक तपस्या की थी।
 
कैलाश मानसरोवर यात्रा में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Kailash Mansarovar Tourist Places in Hindi)
कैलाश मानसरोवर में वैसे तो बहुत सी घूमने की जगह है, जो आपको आकर्षित कर सकती है। लेकिन आज हम आपको कुछ पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे, जो आपको काफी आकर्षित कर सकते है साथ ही यहाँ दूर – दूर से लोग इस जगह पर यात्रा के लिए आते है। तो चलिए दोस्तों बिना देरी किये हम आपको बताते है। कैलाश मानसरोवर में घूमने की जगह कौन कौन सी है, जो काफी फेमस हैं।
गौरी कुंड
अगर आपको घूमने फिरने का शौक है और आप कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान कुछ अलग हटकर करना चाहते है, तो आपको एक बार गौरी कुंड के दर्शन अवश्य करने चाहिए। श्रद्धा और शक्ति से भरपूर गौरी कुंड में हर वर्ष कई श्रद्धालु मत्था टेकने गौरी माता के दरबार में आते हैं।

यह मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। साथ ही आध्यात्मिक मंदिरों और दार्शनिक स्थलों के दर्शन करना हर श्रद्धालु की अपार श्रद्धा भक्ति को दर्शाता हैं। यहां स्थित प्रमुख आकर्षण के केंद्रों में निर्मित यहां के प्रसिद्ध पावन मंदिर और आकर्षण का दूसरा पर्याय गौरी झील भी स्थित है। गौरी मंदिर और गौरी झील ये दोनों स्थान यहां के प्रसिद्ध स्थान हैं।
मानसरोवर झील
दोस्तों मानसरोवर झील लगभग 320 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। इसके उत्तर में कैलाश पर्वत तथा पश्चिम में रक्षातल झील है। कहते हैं कि मानसरोवर वह झील है, जहां माता पार्वती स्नान करती थी और आज भी मान्यता है की माता पार्वती वहाँ आज भी स्नान करती है।

साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति मानसरोवर में एक बार डुबकी लगा ले, तो वह ‘रुद्रलोक’ पहुंच सकता है। मानसरोवर दुनिया की शुद्ध पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकार सूर्य के समान है। जिसे देखने दूर दूर सें पर्यटक यहां की यात्रा अवश्य करते हैं।
राक्षस तल
दोस्तों आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दे की, राक्षस ताल लगभग 225 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और करीब 84 किलोमीटर परिधि तथा 150 फुट गहरे में फैला हुआ है। इस झील के तट राक्षसों के राजा रावण ने यहां पर शिव की आराधना की थी। इसलिए इसे राक्षस ताल या रावणहृद भी कहते है।

राक्षसताल के बारे में कहा जाता है इसमें स्नान करने से मना किया जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है की रावण ने इस कुंड में डुबकी लगाईं थी और उसके मन पर बुरा असर हुआ था। वहीं गौरीकुंड पार्वती के स्नान की निजी जगह है। इसलिए हमेशा इससे एक दूरी बना कर रखी गई है। लेकिन इसके बावजूद भी यहाँ भक्तो कई भीड़ कम नहीं होता हैं।
कैलाश परिक्रमा
कैलास की परिक्रमा 16,000 फीट की ऊंचाई से शुरू होकर 19,000 फीट तक जाती है। अगर इससे बढ़े तों सामने का नजारा अद्भुत दिखाई देता है, सामने आपको दो घाटियों के बीच में बर्फ की सफेद चादर से ढकी पर्वत-शृंखला देखने को मिलती है। साथ ही उसके पीछे नीला साफ आकाश दिखाई देता है, जो दिखने में आकर्षित करता है।

इसके पश्चिम तथा दक्षिण में मानसरोवर तथा राक्षसताल झील है। यहां से कई महत्वपूर्ण नदियां निकलती है। जैसे की ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज इत्यादि नदियां निकलती हुई आपको दिख जायेगी। यहाँ पर हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायी तीर्थ यात्रा के लिए दूर दूर से आते हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर
कैलाश मानसरोवर के पास बना पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू का सबसे पुराना हिन्दू मंदिर है। यह निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है कि यह पशुपतिनाथ मंदिर कब बनाया गया था? लेकिन नेपाल महात्मा और हिमवतखंड के अनुसार यहां के देवता ने पशुपति के रूप में बहुत प्रसिद्धि हासिल की थी।

बागमती नदी के तट पर एक खुले आंगन के बीच में, गांव उत्तर पश्चिम में काठमांडू से 4 किमी दूर है। जिसे देखने भारी संख्या में पर्यटक यहाँ आते है। दोस्तों आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दे की पशुपतिनाथ मंदिर में केवल हिन्दू ही प्रवेश कर सकते है साथ इस मंदिर को सोने से बने होने की वजह से इसे स्वर्ण मंदिर भी कहाँ जाता हैं।
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ओम पर्वत
दोस्तों ओम पर्वत जादुई और प्रेरक हिमालय पर्वत शिखर है, जो दारचुला जिले में स्थित ओम पर्वत हिन्दू मंत्र 6190 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे आदि कैलाश, छोटा कैलाश इत्यादि। आदी कैलाश में भी कैलाश के समान ही पर्वत है। मानसरोवर झील की तर्ज में पार्वती सरोवर है।

आदि कैलाश के पास गौरीकुंड है। साथ ही कैलाश मानसरोवर की तरह ही आदी कैलाश की यात्रा भी अति दुर्गम यात्रा मानी जाती है। आदि कैलाश यात्रा भी रोमांच और खूबसूरती से लबरेज है। इसमें भी 105 किलोमीटर की यात्रा पैदल करनी पड़ती हैं। जिसे यहाँ आने वाले भारी संख्या में भक्त बड़ी ही आसानी सें पूरा कर लेते हैं।
सप्तऋषि गुफाएं
सप्तऋषि गुफाएँ लगभग 6000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं और कैलाश मानसरोवर यात्राके दौरान बहुत ही कठिन ट्रेक में से एक के रूप में भी मानी जाती है। न केवल इसका आकार बेहद अनोखा है, बल्कि कैलाश के रहस्यों के साथ-साथ इससे जुड़ी आध्यात्मिकता भी इस चोटी को दुनिया की आबादी के एक बड़े हिस्से द्वारा प्रमुखता से मान्यता देने के लिए जिम्मेदार है।

हालांकि कैलाश मानसरोवर यात्रा के बीच में अच्छी संख्या में आध्यात्मिक केंद्र देखे गए हैं और इनमें से एक सप्तऋषि गुफाएं भी हैं। इन गुफाओं की दीवारें लाल रंग की होती है क्योंकि इसने तिब्बती परंपरा का पालन किया गया हैं।
दामोदर कुंड
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की जब भी आप कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आते है तों यात्रा के दौरान दामोदर कुंड जरूर जाएं क्योंकि यह काफी प्रमुख है।

इसे सबसे अधिक पूजा की जाने वाली झीलों में गिना जाता है, जो तीर्थयात्रियों द्वारा कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए अपनी दिव्य सैर का हिस्सा होने के दौरान देखी जाती हैं। जिसके दर्शन करने दूर दूर सें पर्यटक यहाँ आते हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा में खाने के लिए क्या-क्या फेमस है?
दोस्तों हम आपको बता दे की कैलाश मानसरोवर जितना सुंदर है, उतना ही स्वादिष्ट यहां का खाना भी है। कैलाश मानसरोवर एक पवित्र स्थान है, जहाँ प्रभु का वाश होता है। इसलिए आगर आप यहाँ आते हो तों आपको यहाँ शुद्ध और शाकाहारी ही भोजन खाने को मिलेगा साथ ही।
अगर आप मीठे के शौकीन है तो आपको यहाँ पर खीर, हलवा खाने को मिल जायेगा, जो यहाँ की फेमस स्वीट में सें एक होती है। दोस्तों अगर आप कभी कैलाश मानसरोवर घूमने आओ तो, एक बार यहाँ आकर इन व्यंजनों का स्वाद जरूर लेना। यहाँ पर आपको चावल, पुरी, दाल, रोटी, खीर, हलवा इत्यादि खाने को मिलता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान रुकने की जगह
अगर कैलाश मानसरोवर में रुकने की बात की जाएं तो यहाँ पर सस्ते दामों पर होटल, गेस्ट हाउस और रेंट में कमरे आसानी से मिल जाते है। जहाँ पर आप आसानी से ठहर सकते हैं।
हमने कुछ होटल के नाम आपके लिए ढूंढ कर निकले है, जो कैलाश मानसरोवर के पास काफी फेमस हैं जैसे की होटल सेंट्रल प्लाजा, होटल मैक्स, सिद्धार्थ होटल इत्यादि शामिल हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
अगर आप कैलाश मानसरोवर घूमने का प्लान बना रहे है तों हम आपको बताते है की कैलाश मानसरोवर में घूमने का सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से लेकर अक्टूबर के बीच का है क्योंकि इस मौसम में यहाँ का अद्धभुत नजारा आपको आकर्षित कर सकते हैं।
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कैलाश मानसरोवर कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्लान बना रहे हो और सोच रहे हो की आखिर कैलाश मानसरोवर कैसे पहुंचे?, तो आज इस लेख में हम आपको बताएँगे की कैलाश मानसरोवर कैसे पहुंचे?
रेल द्वारा : अगर आप रेल द्वारा कैलाश मानसरोवर घूमने का प्लान बना रहे है, तो दिल्ली से कैलाश मानसरोवर ट्रेन की सहायता से 10 घंटों में पहुँचा जा सकता है। कैलाश मानसरोवर का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन लौकहा बाजार हैं।
सडक द्वारा : दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की कैलाश मानसरोवर आने के लिए आप अपनी गाडी या फिर कोई गाडी बुक करके आसानी से सडक द्वारा यात्रा करके कैलाश मानसरोवर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहाँ पहुंचने के बाद कैलाश पर्वत पर आपको खुद से चढाई करनी होंगी
हवाई मार्ग द्वारा : अगर आप कैलाश मानसरोवर का सफर हवाई जहाज से करना चाहते है, तो बागडोगरा हवाईअड्डा कैलाश मानसरोवर का सबसे नजदीकी हवाईअड्डा है। यहाँ पर दिल्ली से कुछ फ्लाइट्स जाती है। कैलाश मानसरोवर बागडोगरा हवाईअड्डा से 202 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान कैसे घूमे?
कैलाश मानसरोवर घूमने के लिए एक बेहतरीन स्थान प्रदान करता है। यह एक धार्मिक स्थल है, जो हिमालय के केंद्र में स्थित है। कैलाश मानसरोवर और कैलाश पर्वत धरती का केंद्र माना जाता है और इसे भगवान शिव का धाम भी कहा जाता है क्योंकि मानसरोवर के पास कैलाश पर्वत पर साक्षात भगवान शिव जी विराजमान हैं।
इसीलिए यहाँ घूमने और यात्रा करने के लिए भारी संख्या में लोग दूर – दूर से आते है। अगर आप भी यहाँ की यात्रा करने के बारे में सोच रहे है, तो आप जिस होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे है। आप वहाँ से किराये पर कार को बुक करके घूमने जा सकते है और अमरनाथ की सुंदरता के दर्शन कर सकते है।
इसके अलावा अगर आप भारत देश के बाहर से यहाँ घूमने के लिए आते है, तो आप चाहो तो टूरिस्ट गाइड को भी बुक कर सकते है, जो आपको कैलाश मानसरोवर की सुंदरता के दर्शन करवाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा करते समय घूमने का खर्चा
खर्च की बात की जाएं तो यह आपके ऊपर निर्धारित करता है की आप किस से जाना पसंद करोगे और वहाँ जाकर आप कहाँ – कहाँ घूमना पसंद करोगे। आप किस होटल, गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करोगे। साथ ही आप कैलाश मानसरोवर में कितने दिन रुकोगे, यह सब आपके बजट पर निर्भर करता हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के वक्त अपने साथ क्या रखें?
अगर आप कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए प्लान बना रहे है, तो आपको अपने साथ जिस से सफर कर रहे है। उसकी टिकट, अपनी आईडी प्रूफ, मोबाइल फोन, मौसम के अनुसार कपडे इत्यादि लेकर जाना चाहिए
FAQ
हां, मानसरोवर झील में नहाने से पापों से मुक्ति हैं।
गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर झील की बर्फ़ पिघलती है, तो मानसरोवर झील के पिघलने पर मृदंग की आवाज आती हैं।
जी हां, कैलाश पर्वत अपनी स्थिति बदलता रहता हैं।
जोर सें ॐ का उच्चारण करने पर कैलाश पर्वत से ॐ की ध्वनि देती हैं।
कैलाश पर्वत पर चार महान नदियों सिंध, ब्रह्मपुत्र, सतलज और कर्णाली या घाघरा का उद्गम स्थल हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को कैलाश मानसरोवर यात्रा में घूमने की जगह से संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज की यह महत्वपूर्ण जानकारी इस विषय पर आप लोगों के लिए काफी हेल्पफुल साबित हुई होगी।
अगर आपको हमारे द्वारा दी गई आज की यह महत्वपूर्ण जानकारी पसंद आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले ताकि आगे से ही अन्य लोगों को भी इस महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में आप के जरिए पता चल सके एवं उन्हें ऐसे ही घूमने फिरने से संबंधित लेख को पढ़ने के लिए कहीं और बार-बार भटकने की बिल्कुल भी आवश्यकता ना हो।
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो। हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।
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