शीशम के फायदे और नुकसान / Sheesham ke fayde aur nuksan in Hindi आयुर्वेद के वैज्ञानिकों ने शीशम के पत्तों को औषधि के रूप में प्रयोग कर चमत्कारी चमत्कारों की खोज की है। वैसे तो शीशम की लकड़ी का इस्तेमाल आमतौर पर फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार शीशम के पत्तों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।
शीशम के पत्ते, शीशम की छाल, शीशम के तेल के प्रयोग से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं। सर्दी से लेकर कैंसर तक के रोगों में भी शीशम के पत्ते बहुत फायदेमंद और रामबाण माने जाते हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शीशम के फायदे और नुकसान के बारे में बतायेंगे।
शीशम के फायदे और नुकसान | Sheesham ke fayde aur nuksan
Sheesham ke patte ke fayde | Shisham in hindi
- कैंसर के इलाज में
 - मुँह के छालों में
 - सर्दी व् जुकाम को ठीक करने में
 - पेट एंव पाचन सम्बंधी विकारों में
 - शरीर के किसी भी हिस्से में जलने पर
 - बुखार में
 - एनीमिया में
 - कुष्ठ रोग में एंव चर्म रोग में
 - मूत्र रोग एंव मूत्र सम्बधी विकारों में
 - मासिक धर्म की रूकावट में
 - आमाशय के छालों में
 - ल्यूकोरिया की शिकायत होने में
 - शरीर की सूजन एंव हड्डी जोड़ने में
 - एसिडिटी एंव गैस रोग में
 - रक्त सम्बधी विकार में
 - सेक्स क्षमता बढ़ाने में
 - दांत में कीड़ा के इलाज में
 - धातु संबधी रोगों में
 - स्तनों की सूजन में
 - घाव को ठीक करने में
 
सर्दी-जुकाम में शीशम के फायदे (Rosewood leaves to cure cold)
सर्दी जुकाम में हम शीशम के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं। ठंड में शीशम के 10 या 15 पत्तों को एक गिलास पानी में उबाल कर आधा पका लें, जब पानी आधा रह जाए तो छानकर रस निकाल कर सेवन करें।मुँह के छालों में शीशम के फायदे (In the treatment of mouth ulcers)
अगर मुंह के अंदर छाले हो जाएं तो इसके पत्तों को 10 मिनट तक थूकने से छाले ठीक हो जाते हैं। अगर पेट की गर्मी के कारण मुंह के छाले हो गए हैं तो आप रोजवुड के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीग्राम सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक सेवन करें। पहले दिन से ही फायदा होगा। यह सभी प्रकार के अल्सर के लिए रामबाण औषधि है।पेट एंव पाचन सम्बंधी विकारों में (To treat stomach and digestive disorders)
जिन लोगों का लीवर कमजोर होता है, पाचन क्रिया में गड़बड़ी होती है, उन्हें रोज सुबह उठकर खाली पेट शीशम के दो या तीन पत्ते चबाना चाहिए।
शरीर के किसी भी हिस्से में जलने पर (Irritation in any part of the body)
शरीर के किसी अंग में जलन या जलन होने पर शीशम का तेल सुबह-शाम लगाने से जलन शांत होती है। शीशम के तेल के ठंडे प्रभाव के कारण यह जलन को शांत करता है और जलन वाली जगह भी जल्दी ठीक हो जाती है।बुखार के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of fever)
30 ग्राम शीशम का एसेंस 200 मिलीग्राम दूध में पकाएं। दूध के गाढ़ा होने पर 10-10 मिलीलीटर सुबह, दोपहर और शाम तीन बार पिलाने से बुखार में आराम मिलता है।
एनीमिया में शीशम के फायदे (Treatment of anemia)
शीशम के पत्तों का रस 10-15 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। पहले दिन से ही शीशम का रस पीने से चमत्कारी लाभ मिलता है। जिन लोगों का हीमोग्लोबिन कम होता है।
उन लोगों को यह जूस जरूर पीना चाहिए। इसके सेवन से 10 दिन में हीमोग्लोबीन पूरा हो जाता है और एनीमिया से भी छुटकारा मिलता है। शीशम का जूस आप अमेज़न से ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
शीशम के औषधीय गुणों के कारण 20-30 मिलीलीटर शीशम के पत्तों का काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मूत्र संबंधी सभी विकार दूर हो जाते हैं। और रुका हुआ पेशाब खुलकर आता है।
मासिक धर्म की रूकावट में शीशम के फायदे (Menstrual blockage)
शीशम के एसेंस का 10 से 15 मिलीग्राम चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से मासिक धर्म समाप्त हो जाता है। शीशम के पत्तों का काढ़ा 15 से 20 मिलीग्राम की मात्रा में दिन में दो बार लेने से मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है।रक्त विकारों में शीशम के फायदे (In blood disorders)
शरीर की सूजन एंव हड्डी जोड़ने में शीशम के फायदे (Body swelling and bone)
इसके अलावा जिसकी हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है, हड्डियों को दोबारा जोड़ने में बड़ी समस्या होती है। इसमें शीशम के पत्तों का लेप बहुत अच्छा माना जाता है। यह लेप हड्डियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।कुष्ठ रोगों के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of leprosy)
कुष्ठ रोग में भी शीशम के पत्तों का उपयोग किया जाता है। शीशम के कोमल पत्तों को पीसकर पानी में डाल दें, फिर नहा लें तो खुजली में बहुत फायदा होता है दोस्तों, आपने सुना होगा कि अगर किसी को चोट लग जाए तो शीशम के पत्तों को पीसकर वहां लगाने से घाव बहुत जल्दी भर जाता है। तुरंत।
एसिडिटी एंव गैस के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of acidity and gas)
शीशम के पत्तों का रस एसिडिटी और गैस को जड़ से खत्म कर देता है और पेट में हमेशा गर्मी, हाथ पैरों में जलन आदि रहता है। शीशम के पत्तों का रस रोगों को पूरी तरह से ठीक करता है।आमाशय के छालों में शीशम के फायदे (Stomach ulcers)
शीशम के हरे, कोमल पत्तों को रोजाना 15 दिनों तक सुबह खाली पेट चबाने से पेट के छाले ठीक हो जाते हैं। यह पेट के अल्सर के लिए रामबाण आयुर्वेदिक औषधि है। आप चाहें तो इसके कोमल पत्तों का रस निकाल कर सेवन करें। यह बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक औषधि है।दांत में कीड़ा के इलाज में शीशम के फायदे (In the treatment of tooth worms)
दोस्तों अगर आपके दांतों में कीड़ा है। अगर दांत लाल और पीले हो गए हैं तो आप शीशम के पेड़ की छाल से अपने दांत साफ कर सकते हैं। इससे आपके दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा और पीलापन भी दूर हो जाएगा।
स्तनों की सूजन में शीशम के फायदे (Swelling of breasts)
शीशम के 10 से 15 पत्तों का काढ़ा बनाकर एक सप्ताह तक सुबह-शाम पीने से स्तनों की सूजन दूर होती है और इसके पत्तों और हल्दी को मिलाकर स्तनों पर लगाने से स्तनों की सूजन दूर हो जाती है।घाव को ठीक करने में शीशम के फायदे (Wound healing)
शीशम के पत्तों को पीसकर लेप बनाकर शरीर पर किसी भी प्रकार के घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। यह घाव के आसपास सूजन और खुजली से भी राहत देता है।
सेक्स क्षमता बढ़ाने में शीशम के फायदे (To Increase Sex Stamina)
अगर आप सेक्स क्षमता को 4 गुना बढ़ाना चाहते हैं तो सुबह उठकर खाली पेट 8 से 10 पत्ते चबाएं, लेकिन पत्तियों को चबाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप जो पत्ते चबा रहे हैं वह बिल्कुल ताजा हो, इसके बाद लगभग 7 दिनों तक इसका इस्तेमाल करने से आपकी सेक्स क्षमता काफी हद तक सुधर जाएगीशीशम के फायदे धातु रोग में (In the treatment of metallurgy)
शीशम के नुकसान | Disadvantages of Rosewood
शीशम के फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं। तो आइए जानते हैं इसके सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में। तथा किन लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- एलर्जी वाले लोग इसका सेवन ना करें
 - गर्भवती महिलाएं को शीशम के पत्ते का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि उनकी सेहत के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है।
 - इसकी ओवरडोजिंग से भी बचना चाहिए। शीशम के पत्ते एवं बीजों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
 
FAQs - लोगों द्वारा पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब
Q - शीशम की तासीर कैसी होती है?
शीशम के पत्तों की तासीर ठंडी होती है जबकि इसके बीजों की तासीर गर्म होती है ?
Q - शीशम का पेड़ कहां पाया जाता है?
शीशम का पेड़ नदी, तालाबों, एवं सड़कों के किनारे पाया जाता है।
Q - शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम?
शीशम के पत्तों की तासीर ठंडी होती है ? इसलिए शीशम के पत्तों को पेशाब की जलन एवं मूत्र -विकारों में प्रयोग किया जाता है।
Q - शीशम का तेल कहां मिलता है ?
शीशम का तेल आयुर्वेदिक के सभी मेडिकल पर उपलब्ध रहता है यहां से आप आसानी से खरीद सकते हैं।
Q - शीशम के उपयोगी भाग क्या है?
शीशम के उपयोगी भाग पत्ते, छाल, बीज एवं तना है।
- पालक के नुकसान,पालक में प्रोटीन की मात्रा,palak kab nahi khana chahiye
 - पपीता की तासीर गर्म होती है या ठंडी,पपीता खाने के फायदे नुकसान,papita garam hota hai ya thanda
 - प्याज गर्म होता है या ठंडा,प्याज खाने के फायदे ओर नुकसान,pyaj khane ke fayde aur nuksan
 
तो दोस्तों यह आर्टिकल "शीशम के फायदे और नुकसान / Sheesham ke fayde aur nuksan in Hindi "आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख मददगार लगा हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। शुक्रिया!


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