History of cleopatra | मिस्र की सुंदर, कामुक और रहस्यमयी रानी क्लियोपैट्रा का इतिहास
क्लियोपेट्रा इतिहास में एक ऐसी रहस्यमय शख्सियत के रूप में दर्ज हैं जिनके रहस्य पर से परदा हटाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। उनके बारे में कहा जाता है कि वे जितनी सुंदर और सेक्सी थीं उससे कहीं ज्यादा वे चतुर, षड्यंत्रकारी और क्रूर भी थीं। उनके कई पुरुषों से सेक्स संबंध थे। वे राजाओं और सैन्य अधिकारियों को अपनी सुंदरता के मोहपाश में बांधकर उनको ठिकाने लगा देती थी। इतिहासकार मानते हैं कि उन्होंने एक सर्प से खुद को अपने वक्ष स्थल पर कटवाकर आत्महत्या कर ली थी और कुछ मानते हैं कि उनकी मौत मादक पदार्थ के सेवन से हुई थी।
क्लियोपाट्रा ७
टोलेमीय मिस्र की अन्तिम सक्रिय शासक
क्लियोपाट्रा ७ (यूनानी: Κλεοπάτρα Φιλοπάτωρ; जनवरी ६९ इसा पूर्व – नवंबर ३०, ३० इसा पूर्व) पुरातन मिस्र में यूनान के टोलेमी वंश की रानी थीं।
वह प्टोलोमी वंश की सदस्य थीं जो यूनान के निवासी थे, उन्होंने नेपोलियन की मृत्यु के पश्चात हेलो निकल काल में मिस्र पर शासन किया था टॉलेमी अपने शासनकाल के समय मिस्र में ग्रीक भाषा का व्यवहार करते थे तथा उन्होंने मिस्र की भाषा को व्यवहार में लाने से मना कर दिया था परंतु क्लियोपाट्रा ने मिस्र की भाषा को बोलना सीखा उसने राजकाज में मिस्र की भाषा का प्रसार किया तथा अपने आप को वह मिस्र की देवी इसीस का पूर्ण अवतार मानती थीं।
अपने अल्पकालीन शासन काल में क्लियोपाट्रा ने बहुत कुछ किया। वह पश्चिमी संस्कृति में विशेषकर चित्र कला एवं साहित्य के केंद्र बिंदु में रहे विलियम शेक्सपियर के एंटोनी और क्लियोपाट्रा नामक एक नाट्य की पात्र बनीं।
क्लियोपाट्रा अपनी सुंदरता एवं कुशलता में आज भी पश्चिमी सभ्यता की औरतो का आदर्श बनी हुई हैं।
जब क्लियोपट्रा १७ वर्ष की थी तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की वसीयत के अनुसार उसे तथा उसके छोटे तोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ और वह मिस्री प्रथा के अनुसार अपने इस भाई की पत्नी होने वाली थी। किंतु राज्याधिकार के लिये कश्मकश के परिणामस्वरूप उसे राज्य से हाथ धोकर सीरिया भाग जाना पड़ा। फिर भी उसने साहस नहीं त्यागा। उसी समय जूलियस सीज़र पोंपे का पीछा करता हुआ मिस्र आया। वहाँ वह क्लियोपेट्रा पर आसक्त हो गया और उसकी ओर से युद्ध करने को तत्पर हो गया। फलस्वरूप तोलेमी मारा गया और क्लियोपेट्रा मिस्र के राजसिंहासन पर बैठी। मिस्र की प्राचीन प्रथा के अनुसार वह अपने एक अन्य छोटे भाई के साथ मिलकर राज करने लगी। किंतु शीघ्र ही उसने अपने इस छोटे भाई को विष देकर मार डाला और रोम जाकर जूलियस सीज़र की रखेल के रूप में रहने लगी। उससे उसके एक पुत्र भी हुआ किंतु रोमवालों को यह संबंध किसी प्रकार न भाया। अत: सीज़र की हत्या (४४ ई. पूर्व) कर दी गई। तब वह मिस्र वापस चली आई।
४१ ई. पू. मार्क अंतोनी भी क्लियोपेट्रा की सुंदरता का शिकार हुआ। दोनों ने शीत ऋतु एक साथ सिकंदरिया में व्यतीत की। रोमनों ने उनका विरोध किया। ओक्तावियन (ओगुस्तस) ने उसपर आक्रमण कर २ सितंबर ३१ ई. पू. को आक्तियम के युद्ध में उसे पराजित कर दिया। क्लियोपेट्रा अपने ६० जहाजों के साथ युद्धस्थल से सिकंदरिया भाग आई। अंतानी भी उससे आ मिला किंतु सफलता की आशा न देख ओक्तावियन के कहने पर अंतोनी की हत्या करने पर तैयार हो गई और अंतोनी को साथ साथ मरने के लिये फुसलाकर उस समाधि भवन में ले गई जिसे उसने बनवाया था। वहां अतानी ने इस भ्रम में कि क्लियोपेट्रा आत्महत्या कर चुकी है, अपने जीवन का अंत कर लिया। ओक्तावियन क्लियोपेट्रा के रूप जाल में न फँसा।
रोम की तीन ताकतें : क्लियोपेट्रा को दुनिया की सबसे अमीर और सुंदर औरत माना जाता था। वे तीन ताकतवर पुरुषों की प्रतिद्वंद्वी थीं- जूलियस सीजर, मार्क एंथोनी और ऑक्टेवियन। जूलियस सीजर ने उन्हें मिस्र की रानी बनने में मदद की थी।
अनेक कलाकारों ने क्लियोपेट्रा के रूप-रंग और उसकी मादकता पर कई चित्रकारी और मूर्तियां गढ़ीं। साहित्य में वे इतनी लोकप्रिय हुईं कि अनेक भाषाओं के साहित्यकारों ने उन्हें अपनी कृतियों में नायिका बनाया। अंग्रेजी साहित्य में 3 नाटककारों- शेक्सपियर, ड्राइडन और बर्नाड शा- ने अपने नाटकों में उनके व्यक्तित्व के कई पहलुओं का विस्तार किया। क्लियोपेट्रा पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं। क्लियोपेट्रा का संबंध भारत से भी था। वे भारत के गरम मसाले, मलमल और मोतीभरे जहाज सिकंदरिया के बंदरगाह में खरीद लिया करती थीं।पांच भाषाओं की ज्ञाता : कहते हैं कि क्लियोपेट्रो को 5 भाषाओं का ज्ञान था और वह एक चतुर नेता थीं। यही कारण था कि वे बहुत जल्दी से किसी से भी जुड़कर उसके सारे राज जान लेती थीं और इसी के चलते उनका सैकड़ों पुरुषों से संबंध था। अपने शासन और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए क्लियोपेट्रो को क्या कुछ नहीं करना पड़ा यह बहुत ही रोचक है।
फराओ वंश की अंतिम शासक : कहते हैं कि क्लियोपेट्रा ने 51 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक मिस्र पर शासन किया था। वह मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम फराओ थीं। वह अफ्रीकी, कॉकेशियस या युनानी थीं, इस पर आज तक शोध जारी है।
कहते हैं कि जब क्लियोपट्रा 17 वर्ष की थीं तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की वसीयत के अनुसार उन्हें तथा उनके छोटे भाई तोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ और वह मिस्री प्रथा के अनुसार अपने इस भाई की पत्नी होने वाली थीं, लेकिन राज्याधिकार के लिए संघर्ष के परिणामस्वरूप उन्हें राज्य से हाथ धोकर सीरिया भागना पड़ा।
जूलियस सीजर का साथ : क्लियोपेट्रा ने साहस नहीं खोया। उसी समय जूलियस सीजर अपने दुश्मन पोंपे का पीछा करता हुआ मिस्र आया। वहां उसने क्लियोपेट्रा को देखा और वह उसकी सुंदरता और मादक आंखों पर आसक्त हो गया। क्लियोपेट्रा की सुंदरता के जाल में फंसने के बाद वह उसकी ओर से युद्ध कर उसको मिस्र की रानी बनाने के लिए तैयार हो गया।
जूलियस सीजर ने तोलेमी से युद्ध किया और तोलेमी मारा गया और क्लियोपेट्रा मिस्र के राजसिंहासन पर बैठीं। मिस्र की प्राचीन प्रथा के अनुसार वह अपने एक अन्य छोटे भाई के साथ मिलकर राज करने लगीं, किंतु शीघ्र ही उसने अपने इस छोटे भाई को विष दे दिया। क्लियोपेट्रा के आदेश पर उसकी बहन अरसीनोई की भी हत्या कर दी गई।
जलियस सीजर से क्लियोपेट्रा के संबंध : माना जाता है कि रोमन सम्राट जूलियस सीजर की रखैल थी। उससे एक पुत्र भी हुआ किंतु रोमनों को यह संबंध किसी प्रकार न भाया। रोमन जनता इस संबंध का विरोध करती रही।
माना जाता है कि रोमन शासक जूलियस सीजर के जनरल मार्क एंथोनी का क्लियोपेट्रा पर दिल आ गया था। वह उसकी सुंदरता से मदहोश हो चला था। क्लियोपेट्रा को जब यह पता चला तो दोनों ने शीत ऋतु एक साथ अलेक्जेंडरिया में व्यतीत की। कहते हैं कि एंथोनी से उनके 3 बच्चे हुए। दस्तावेजों से पता चलता है कि उन दोनों ने बाद में शादी भी की, हालांकि वे दोनों पहले से ही विवाहित थे। एंथोनी के साथ मिलकर उसने मिस्र में अपने संयुक्त रूप से सिक्के भी ढलवाए थे।
44 ईसा पूर्व में जूलियस सीजर की हत्या के बाद उसके वारिस गाएस ऑक्टेवियन सीजर का एंथोनी ने जब विरोध किया तो उसके साथ क्लियोपेट्रा भी थीं। दोनों ने मिलकर रोमन साम्राज्य से टक्कर लेने की योजना बनाई, लेकिन दोनों को ऑक्टेवियन की फौजों से पराजित होना पड़ा।
क्लियोपेट्रा का पलायन : क्लियोपेट्रा अपने 60 जहाजों के साथ युद्धस्थल से सिकंदरिया भाग आईं। एंथोनी भी उसके पीछे-पीछे भागकर उससे आ मिला। बाद में ऑक्टेवियन के कहने पर क्लियोपेट्रा ने एंथोनी को धोखा दिया। ऑक्टेवियन के कहने पर वह एंथोनी की हत्या करने के लिए तैयार हो गई। एंथोनी को उसने बहला-फुसलाकर साथ-साथ मरने के लिए तैयार किया और वह उसे समाधि भवन में ले गई जिसे उसने बनवाया था। वहां एंथोनी ने इस भ्रम में कि क्लियोपेट्रा आत्महत्या कर चुकी है, अपने जीवन का अंत कर लिया।
क्लियोपेट्रा की मौत एक रहस्य : क्लियोपेट्रा ऑक्टेवियन को भी अपने रूप-जाल में फांसकर खुद की जान बचाकर फिर से मिस्र की सत्ता प्राप्त करने की योजना पर कार्य कर रही थीं। किंतु जनश्रुति के अनुसार ऑक्टेवियन क्लियोपेट्रा के रूप-जाल में नहीं फंसा और उसने उसकी एक डंकवाले जंतु के माध्यम से हत्या कर दी। तब वह 39 वर्ष की थीं। लेकिन क्या यह सच है? क्लियोपेट्रा की मौत के बाद मिस्र रोमन साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
हल.कि कुछ लोग मानते हैं कि उसने एंथोनी को धोखा नहीं दिया। उसने एंथोनी के सामने ही सर्प से डंक लगवाकर आत्महत्या कर ली थी और जब एंथोनी ने देखा कि क्लियोपेट्रा मर गई है तब उसने भी आत्महत्या कर ली, क्योंकि वे जानते थे कि हमें कभी भी ऑक्टेवियन या उसके सैनिक मार देंगे।
मादक पदार्थ के सेवन से हुई मौत : जर्मनी के एक शोधकर्ता ने दावा किया है कि प्राचीन मिस्र की विख्यात महारानी क्लियोपेट्रा की मौत सर्पदंश से नहीं, बल्कि अधिक मात्रा में मादक पदार्थों के सेवन से हुई थी।
यूनिवर्सिटी ऑफ ट्राइवर के इतिहासकार और प्रोफेसर क्रिस्टॉफ शेफर ने अपने आधुनिक शोध में दावा किया है कि अफीम और हेम्लाक (सफेद फूलों वाले विषैले पौधे) के मिश्रण के सेवन की वजह से उनकी मौत हुई थी। क्लियोपेट्रा का निधन अगस्त 30 ईसा पूर्व में हुआ था और हमेशा से यही समझा जाता रहा है कि उनकी मौत कोबरा सांप के काटने से हुई थी।
समाचार-पत्र ‘टेलीग्राफ’ ने क्रिस्टॉफ के हवाले से कहा, ‘महारानी क्लियोपेट्रा अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर थीं और इस बात की संभावना कम ही है कि उसने मौत के इंतजार में खुद को बदसूरत बनने दिया होगा।‘ मिस्र के अलेक्जेंडरिया शहर का दौरा करने वाले क्रिस्टॉफ ने वहां कई प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों का अध्ययन किया और सर्प विशेषज्ञों की राय ली। उनका कहना है, ‘क्लियोपेट्रा अपने मिथक को बनाए रखने के लिए मौत के समय भी खूबसूरत बनी रहना चाहती थी।‘
वह और बाकी टॉलेमी लगभग शुद्ध मैसेडोनियन ग्रीक वंश के थे, संभवतः कुछ ईरानी के लेकिन मिस्र के वंश के नहीं।
उन्होंने बताया, ‘क्लियोपेट्रा ने संभवत: अफीम, हेम्लॉक और अन्य पदार्थों के मिश्रण का सेवन किया होगा। उस काल में इस घोल को चंद घंटों के भीतर पीड़ारहित मृत्यु के लिए पिया जाता था जबकि सर्पदंश की स्थिति में कई बार प्राण निकलने में कई-कई दिन लग जाते थे।‘
क्लियोपेट्रा कॉकेशियन या अफ्रीकी : लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि मिस्र की पूर्व रानी की यूनानी मूल की थीं लेकिन विशेषज्ञों ने उनकी बहन के अवशेषों के आधार पर यह पता लगाया है कि उनके भाई-बहन आधे अफ्रीकी थे। इसका मतलब कि क्लियोपेट्रा यूनानी कॉकेशियन नस्ल की नहीं, बल्कि आधी अफ्रीकी थीं।
पुर्व में बीबीसी ने इस पर एक वृत्तचित्र क्लियोपाट्रा ‘पोर्ट्रेट ऑफ ए किलर’ को प्रदर्शित किया था। इसमें तुर्की के इफेसस स्थित एक मकबरे में मानव अवशेषों की खोजों का विश्लेषण किया गया है। मकबरे का फोरेंसिक तकनीक के साथ मानव विज्ञान और वास्तुशास्त्रीय अध्ययन करने के बाद विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हुए कि इसमें पाया गया कि नरकंकाल क्लियोपेट्रा की बहन राजकुमारी अरसीनोई का अवशेष है।
इस अध्ययन दल का नेतृत्व करने वाले ऑस्ट्रियाई विज्ञान अकादमी के पुरातत्वविज्ञानी हाइक थुयेर ने बताया कि जांच से यह पता चला है कि अरसीनोई की मां एक अफ्रीकी थी। यह खुलासा सचमुच में एक सनसनीखेज बात है, जो क्लियोपेट्रा के परिवार तथा क्लियोपेट्रा और अरसीनोई के बीच रिश्तों पर एक नई रोशनी डालता है।
क्लियोपैट्रा कैसे मरी?
क्लियोपेट्रा का निधन अगस्त 30 ईसा पूर्व में हुआ था और हमेशा से यही समझा जाता रहा है कि उनकी मौत कोबरा सांप के काटने से हुई थी।
क्लियोपेट्रा कौन है और वह क्यों प्रसिद्ध है?
क्लियोपेट्रा, मिस्र की टालमी वंश की यवन रानियों का सामान्य प्रचलित नाम। मूलत: यह सिल्युक वंशी अंतियोख महान की पुत्री टालमी (पंचम) की पत्नी का नाम था। किंतु इस नाम की ख्याति ११वें तालेमी की पुत्री ओलीतिज़ के कारण है। उसका जन्म लगभग ६९ ई.
क्लियोपेट्रा किस वंश की थी?
69 ईसा पूर्व: क्लियोपेट्रा का जन्म मिस्र में हुआ था। क्लियोपेट्रा नाम धारण करने वाली वह टॉलेमी राजवंश में सातवीं हैं, जिसका अर्थ है पिता की महिमा। वह टॉलेमी XII की दूसरी बेटी हैं। वह और बाकी टॉलेमी लगभग शुद्ध मैसेडोनियन ग्रीक वंश के थे, संभवतः कुछ ईरानी के लेकिन मिस्र के वंश के नहीं।
क्लियोपेट्रा के बच्चों का क्या हुआ?
अलेक्जेंडर हेलियोस और टॉलेमी फिलाडेल्फ़ोस के दो बेटे बिना किसी स्पष्टीकरण के ऐतिहासिक रिकॉर्ड से गायब हो गए, शायद बचपन के दौरान बीमारी के शिकार हो गए। क्लियोपेट्रा सेलीन, हालांकि, न केवल वयस्कता में जीवित रहीं, बल्कि अपने आप में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति बन गईं।
क्लियोपेट्रा के अंतिम शब्द क्या थे?
‘ मुझे मेरा वस्त्र दो, मेरे मुकुट पर रख दो; मुझमें / अमर लालसाएं हैं ‘: शेक्सपियर की त्रासदी एंटनी और क्लियोपेट्रा में क्लियोपेट्रा का अंतिम भाषण इस प्रकार शुरू होता है। उसकी ‘अमर लालसा’ उसकी अमरता की लालसा है, नश्वर संसार को पीछे छोड़कर अगले में प्रवेश करने की उसकी इच्छा।
क्लियोपेट्रा कितने साल पहले रहती थी?
क्लियोपेट्रा ( सी। 69 ईसा पूर्व – 30 ईसा पूर्व )
क्लियोपेट्रा इतनी बदनाम क्यों है?
क्लियोपेट्रा क्यों प्रसिद्ध है? जबकि मिस्र की रानी (51-30 ईसा पूर्व), क्लियोपेट्रा ने एक महत्वपूर्ण अवधि में रोमन राजनीति को सक्रिय रूप से प्रभावित किया और विशेष रूप से जूलियस सीज़र और मार्क एंटनी के साथ अपने संबंधों के लिए जानी जाती थी। वह प्रतिनिधित्व करने के लिए आई थी, जैसा कि पुरातनता की कोई अन्य महिला नहीं थी, रोमांटिक फीमेल फेटले का प्रोटोटाइप।
क्लियोपेट्रा कितनी लंबी थी?
इतिहासकारों का कहना है कि उसने रोमन सम्राट जूलियस सीज़र और उनके प्रमुख जनरल मार्क एंथोनी को बहकाने के लिए हर तरह से इस्तेमाल किया। लेकिन अगले महीने लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय में एक नई प्रदर्शनी, जिसमें अन्य रानियों को चित्रित करने के लिए पहले सोची गई 11 मूर्तियों को शामिल किया गया है, क्लियोपेट्रा को सादा दिखने वाला, लगभग 5 फीट लंबा और स्पष्ट रूप से मोटा दिखाएगा।
क्लियोपेट्रा के बच्चों की परवरिश किसने की?
अपने माता-पिता की आत्महत्या के बाद, क्लियोपेट्रा द्वारा एंटनी के तीनों बच्चों को ऑक्टेवियन द्वारा 30 ईसा पूर्व में सोने की जंजीरों में शाही बंदी के रूप में अपनी जीत के लिए रोम ले जाया गया था। उसने उन तीनों को अपनी बहन ऑक्टेविया, एंटनी की तीसरी पत्नी , को पालने के लिए सौंप दिया।
क्लियोपेट्रा का पालन-पोषण कहां हुआ था?
अपने शुरुआती बचपन के दौरान, क्लियोपेट्रा को मिस्र में अलेक्जेंड्रिया के महल में लाया गया था और मुख्य रूप से हेलेनिस्टिक ग्रीक शिक्षा प्राप्त की थी।
मिस्र का अंतिम फिरौन कौन था?
उनकी मृत्यु के दो सहस्राब्दियों से भी अधिक समय बाद, क्लियोपेट्रा VII एक पहेली और आकर्षण की वस्तु बनी हुई है। हेलेनिस्टिक मिस्र के अंतिम टॉलेमिक शासक और अपने समय की सबसे प्रभावशाली महिला, क्लियोपेट्रा ने अपार धन और शक्ति अर्जित की। वह खतरनाक तरीके से जीती थी और सनसनीखेज तरीके से मरती थी।
क्लियोपेट्रा की सबसे प्रसिद्ध बोली क्या है?
“ मेरा सम्मान दिया नहीं गया था बल्कि केवल जीत लिया गया था ।“ – क्लियोपे
फिरौन कहां रहते थे?
महल फिरौन और उनके प्रवेश के निवास स्थान थे। इनमें सत्ता के मुख्यालय और देवताओं की पूजा के लिए मंदिरों के लिए डिज़ाइन की गई इमारतों का एक परिसर शामिल था।
क्या मिस्र का वर्तमान फिरौन है?
फुआद II (अरबी: فؤاد الثاني, पूरा नाम: अहमद फुआद बिन फारूक बिन इस्माइल बिन इब्राहिम बिन मुहम्मद अली; जन्म 16 जनवरी 1952), या वैकल्पिक रूप से अहमद फुआद II, मिस्र के मुहम्मद अली राजवंश के सदस्य हैं
क्लियोपेट्रा की प्रथम भाषा क्या थी?
यद्यपि उसकी पहली भाषा कोइने ग्रीक थी, वह मिस्र की भाषा सीखने और उपयोग करने वाली एकमात्र टॉलेमिक शासक थी।
आजकल बोली जाने वाली हिंदी भाषा का क्या नाम है?
हिंदी बोली जाने वाली भाषा में अवधी, ब्रज और खड़ी बोली शामिल हैं. क्या आप जानते हैं कि हिंदी शब्द पांच श्रेणियों में विभाजित हैं, तत्समा, अर्धत्त्तसामा, तधभव, देशज और विदेशी. भारत की दूसरी सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा बंगाली है, जिसे 9.72 करोड़ नागरिकों द्वारा बोली जाती है यानी कुल जनसंख्या का 8.03 प्रतिशत.
मिस्र की रानी कौन थी?
मिस्र की शासक रहीं रानी क्लियोपेट्रा (Queen Of Egypt Cleopatra) के बारे में कहा जाता है कि वे अपनी सुंदरता (Cleopatra Beauty) को बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से नहाती थीं. क्लियोपेट्रा 51 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक मिस्र की महारानी थीं.
फिरौन कैसे गायब हो गए?
ऑक्टेवियन (बाद में सम्राट ऑगस्टस) का रोमन बेड़ा 31 ईसा पूर्व रोमन गृहयुद्ध के दौरान ग्रीस के तट पर एक्टियम की लड़ाई में मार्क एंटनी और क्लियोपेट्रा की कमान वाले संयुक्त रोमन-मिस्र के बेड़े के साथ संघर्ष करता है। लड़ाई ऑक्टेवियन के लिए एक निर्णायक जीत थी। , और मिस्र के आखिरी के अंत को चिह्नित किया .
फिरौन किस जाति के थे?
19वीं सदी के एक फ्रांसीसी इजिप्टोलॉजिस्ट गैस्टन मैस्पेरो ने कहा कि “प्राचीन यूनानी इतिहासकारों की लगभग सर्वसम्मत गवाही से, वे प्राचीन मिस्रवासी अफ्रीकी जाति के थे, जो इथियोपिया में बस गए थे।“
फिरौन की लाश कब मिली?
इतिहास के जानकारों के मुताबिक फिरौन की मृत्यु 3000 वर्षों से भी पूर्व में हुई थी, और वर्तमान समय में वैज्ञानिकों और पुरातत्व विभाग के द्वारा फिरौन के मृत शरीर को तलाशा जा रहा है, काफ़ी जगहों पर फिरौन की लाश खंगालने के बाद भी अभी तक फिरौन की लाश का कोई पता नहीं चला
इजिप्ट का दूसरा नाम क्या है?
प्राचीन मिस्र नील नदी के किनारे बसा है। यह उत्तर में भूमध्य सागर, उत्तर-पूर्व में गाजा पट्टी और इसराइल, पूर्व में लाल सागर, पश्चिम में लीबिया एवं दक्षिण में सूडान से घिरा हुआ है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, जो अफ्रीका और एशिया-अरब को जोड़ता है। मिस्र प्राचीन सभ्यताओं वाला देश है
फिरौन की कितनी पत्नियां थीं?
रामसेस II का लंबा जीवन – वह 90 और 96 साल के बीच रहा – उसे पत्नियों से शादी करने और बच्चों को जन्म देने का पर्याप्त अवसर मिला। उनकी 200 से अधिक पत्नियां और उपपत्नी और 100 से अधिक बच्चे थे, जिनमें से कई की मृत्यु हो गई। उनकी पहली और शायद पसंदीदा पत्नी नेफ़रतारी थीं, जिन्हें उन्होंने अबू सिंबल के मंदिरों में से एक को समर्पित किया था।
कितने फिरौन हुए हैं?
कुल मिलाकर लगभग 170 फिरौन थे। अधिकांश मिस्र के वैज्ञानिक, वे लोग हैं जो प्राचीन मिस्र का अध्ययन करते हैं, सोचते हैं कि नर्मर मिस्र का पहला फिरौन था, और वे जानते हैं कि क्लियोपेट्रा VII अंतिम थी। मिस्र के फिरौन अनुष्ठानों के दौरान औपचारिक कपड़े पहनते थे
भाषा का आविष्कार कौन है?
भाषा कोई खोज की वस्तु नहीं। भाषा प्रकृति में नहीं थी। इसे मानव ने बनाया है। इसलिए इंग्लिश की खोज किसने की यह प्रश्न अपने आप में बेमानी है।
मिस्र का पुराना नाम क्या है?
मिस्र का आधिकारिक नाम मिस्र ही है। ये नाम प्राचीन अरबी में है जिसमे कुरआन लिखी गई है। स्थानीय निवासी आजकल इसको मस्र भी कह देते हैं। अंग्रेजी नाम इजिप्ट (Egypt) मध्य फ़्रांसिसी शब्द Egypte और लैटिन Aegyptus के मार्ग से मूलतः प्राचीन ग्रीक शब्द एजिप्टोस (“Αἴγυπτος”) से आया है।
प्राचीन मिस्र में सबसे सुंदर लड़की कौन थी?
प्रदर्शनी के केंद्र में रानी नेफ़र्टारी है, जो अपनी सुंदरता और प्रमुखता के लिए प्रसिद्ध थी। “वह जिसके लिए सूरज चमकता है,” कहा जाता है, नेफ़रतारी फिरौन रामेसेस II की पसंदीदा पत्नी थी।




















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