20+ बिहार में घूमने की जगह और जाने का समय
अगर आप बिहार में घूमने की जगह (bihar me ghumne ki jagah) ढूंढ रहे हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर है। बिहार को प्राचीन काल में मगध के नाम से जाना जाता था और इसकी राजधानी पटना को पाटलिपुत्र कहा जाता था।
यहां का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना की भारत। यहां मौर्य, गुप्त और मुगल शासकों ने राज किया था।

माना यह जाता है कि बिहार शब्द की उत्पत्ति बौद्ध विहारों के बिहार शब्द से हुई थी, जिसे बाद में बिहार कर दिया गया है। जिसे देखने पर्यटक दूर-दूर से यहां आते है।
इस लेख में बिहार में जाने की जगहें, बिहार कैसे पहुंचे, बिहार का प्रसिद्ध भोजन क्या है आदि से जुड़ी जानकारी शेयर कर रहे हैं।
बिहार के बारे में रोचक तथ्य
अगर आपने बिहार घूमने का प्लान बनाया है तो सबसे पहले बिहार के बारे में कुछ महत्वपर्णू रोचक तथ्य के बारे में भी जान लेना चाहिए ताकि आपकी बिहार घूमने की जिज्ञासा और भी ज्यादा बढ़ जाएं।
- बिहार के मिथिला शहर की पेंटिंग्स भारत सहित विदेश में भी प्रख्यात है। इसके साथ ही मिथिला का लोकगीत भी बिहार की शान है।
- बिहार को कई धर्मों का जन्म स्थल भी माना जाता है। बौद्ध और जैन धर्म का उदय इसी धरती से हुआ है। इसके साथ ही सिख धर्म की जड़े भी इस राज्य से जुड़ी है। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार में ही हुआ था।
- मैथिली कविता और संस्कृत के विद्वान विद्यापति मैथिली को मैथिल कवि कोकिल कहा जाता है। बिहार की मैथिली, मगही और भोजपुरी भाषा काफी प्रचलित है।
- बिहार शब्द की उत्पत्ति बुध विहार के विहार शब्द से हुई है। पहले बिहार को मगध कहा जाता था और इसकी राजधानी पटना को पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था।
- एमएस धोनी का जन्म रांची (तात्कालिक बिहार) में हुआ था, जिन्हें लोग आज भारत के सबसे सफल क्रिकेटर के रूप में जानते हैं।
- बिहार ने भारत को कई IAS अधिकारी दिए है। यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण राज्य माना गया है, जहां से सबसे अधिक आईएएस निकले हैं।
- सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी बिहार में ही हुआ था साथ ही सिखों का पवित्र स्थान हरमंदिर तख्त पटना में हैं।
- दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में है।
- एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार की विकास दर 14.48 फीसदी से अधिक है।
बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne ki Jagah)
बिहार में वैसे तो बहुत सी घूमने की जगह है, जो आपको आकर्षित कर सकती है। लेकिन आज हम आपको कुछ पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे, जो आपको काफी आकर्षित कर सकते है।
नौलखा पैलेस राजनगर
बिहार में देखने लायक जगह में से एक नौलखा पैलेस है, जो एक ऐतिहासिक महल है। यह वर्तमान में खंडहर स्वरूप में है।
दरअसल साल 1934 में यहां पर काफी खतरनाक भूकंप आया था, जिसके कारण इसकी संरचना काफी हद तक बिगड़ गई। यह महल बिहार के मधुबनी जिले के राजगीर में स्थित है।

इस महल का निर्माण महाराजा रामेश्वर सिंह के द्वारा किया गया था। इस महल के परिसर में एक तालाब मंदिर और एक उद्यान भी बना हुआ है।
आज भले ही यह क्षतिग्रस्त हो चुका है लेकिन आज भी इसकी बची कुची संरचना दर्शकों को आश्चर्यचकित कर देती है।
भागलपुर
गंगा के तट पर बसा यह एक अत्यंत प्राचीन शहर है। भागलपुर के निकट स्थित चम्पानगर महान पराक्रमी शूरवीर कर्ण की राजधानी मानी जाती रही है।

भागलपुर शहर से करीब पचास किलोमीटर पूर्व अंतीचक गांव स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय का खंडहर पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है, जिसे देखने विदेशों तक के पर्यटक यहां आते हैं।
पावापुरी
भारत के बिहार राज्य के नालंदा जिले में राजगीर और बोधगया के समीप स्थित एक पवित्र स्थान है, जो जैन धर्म के मतावलंबियों के लिए एक अत्यंत पवित्र शहर माना जाता है। भगवान महावीर को यही मोक्ष की प्राप्ति हुई थी, जिसे पावा के नाम से भी जाना जाता है।

यह शहर पटना से लगभग 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पावापुरी का जलमंदिर पर्यटकों के बीच काफी लौकप्रिय है और यह यहां का मुख्य मंदिर भी है।
पटना
बिहार की राजधानी पटना बिहार के लोकप्रिय शहरों में से एक है। पटना गंगा के दक्षिणी तट पर स्थित बिहार का सबसे बड़ा शहर है।
इस शहर में नंद, मौर्य, चंद्रगुप्त, पाल वंश, हर्यक वंश जैसे प्राचीन काल में कई वंशो ने शासन किया है और उनके समय में पटना शहर काफी उभरकर भारत में सामने आया था। उस समय पटना को पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था।

इसके अतिरिक्त पटना सिख धर्म के लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण जगह है। क्योंकि यहीं पर सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था, जिसके कारण लोग एक तीर्थ स्थल के रूप में पटना शहर घूमने के लिए आते हैं।
वर्तमान में पटना शहर का काफी विकास हो चुका है। यहां पर बड़े बड़े मॉल्स, होटल्स, थिएटर के अतिरिक्त कई सारे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जैसे गुरुद्वारा पहिला बड़ा, कुम्हरार, आगम, कुआं, गुरुद्वारा बाल लीला, पटना संग्रहालय, दीदारगंज यक्षी, गुरुद्वारा गुरु का बाग, तख्त श्री पटना साहिब, गुरुद्वारा गोबिंद घाट, किला हाउस आदि।
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सीतामढ़ी
सीतामढ़ी का जिला 11 दिसंबर 1972 को मुजफ्फरपुर जिले से बना था। यह बिहार के उत्तरी भाग में स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सीतामढ़ी एक पवित्र स्थान है।

ऐसा माना जाता है कि सीतामढ़ी के पूनौरा नामक स्थान पर जब राजा जनक ने खेत में हल जोत रहे थे तो उस समय धरती से सीता का जन्म हुआ था और सीता के जन्म के कारण ही इस शहर का नाम सीतामढ़ी पड़ा था।
वैशाली
वैशाली बिहार का एक प्रमुख जिला है और पर्यटन की दृष्टि से भी यह जगह काफी महत्वपूर्ण है। खासकर के महावीर स्वामी के जन्म स्थान के कारण यह शहर काफी ज्यादा प्रख्यात है। वैशाली एक पुरातात्विक स्थल है।
प्राचीन समय में लिच्छवी शासकों की राजधानी हुआ करती थी। कहा जाता है कि वैशाली शहर के कुंडल ग्राम में जैन तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था। छठी शताब्दी में यहीं पर इनका लालन पोषण हुआ था।
वर्तमान में वैशाली विभिन्न पर्यटन स्थलों के कारण लोकप्रिय है, जिसमें बावन पोखर मंदिर, कुंडलपुर, अवशेष स्तूप, कुटागरशाला विहार, राज्याभिषेक टैंक, राजा विशाल का गढ़, चौमुखी महादेव, विश्व शांति शिवालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संग्रहालय आदि शामिल है।
बोधगया
बोधगया बिहार की राजधानी पटना से लगभग 100 किमी दूर दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है और गया जिला से सटा हुआ एक छोटा सा शहर है। बौद्ध भिक्षुओं की ओर से बोधगया को दुनिया के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है।

बौद्ध धर्म को मानने वालों के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी ध्यान केंद्रित करने और प्राचीन पर्यटन स्थलों को देखने के लिए दूर-दूर से बोधगया आते हैं।
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शेर शाह सूरी टॉम्ब सासाराम
बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में स्थित शेरशाह सूरी मकबरा भारत में भारत-इस्लामी वास्तुकला का एक बेजोड़ उदाहरण है। यह मकबरा मुस्लिम शासक शेरशाह सूरी को समर्पित है।
इस मकबरे को भारत के सबसे प्रभावशाली मकबरे में से एक माना जाता है। लाल पत्थर से बने यह 122 फीट ऊंचा मकबरा “भारत का दूसरा ताजमहल” के रूप में जाना जाता है।

इस मकबरे का निर्माण 1540 और 1545 के बीच में पूरा हुआ था, जिसका डिजाइन वास्तुकार मीर मोहम्मद अलीवालों खान ने किया था।
कृत्रिम झील के बीचो-बीच खड़ा यह मकबरा लगभग वर्गाकार है। इस मकबरे में मेहराब, स्तंभ, मीनार, सुंदर गुंबद और छतरियां शामिल है। उन पर किए गए सुंदर नकाशी काफी आकर्षक है।
मुचलिंडा झील
महाबोधि बिहार के दाएं और स्थित मुचलिंडा झील है, जहां पर गौतम बुद्ध ने अपना छठा सप्ताह व्यतीत किया था। साथ ही झील के चारों तरफ वृक्ष लगे हुए है, जो दिखने में काफी आकर्षित लगते है।

मुचलिंडा झील एक ऐतिहासिक स्थान है, जहां पर भगवान बुद्ध की एक सुंदर प्रतिमा लगी हुई है, जो झील के केंद्र में रखे हुड द्वारा संरक्षित एक सांप के कुंडल पर ध्यान लगा रही है।
जहानाबाद की गुफाएं
अगर आप बिहार घूमने जा रहे हैं तो बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक जहानाबाद की गुफाएं देखने जा सकते हैं। बिहार का जिला जहानाबाद से कुछ ही दूरी पर कई सारी प्राचीन गुफाएं बनी हुई है, जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर निकलती है।

इन गुफाओं का निर्माण बड़े-बड़े पत्थरों को काटकर किया गया है। इन गुफाओं का निर्माण सातवीं शताब्दी में हुआ है, जिनके अंदर आपको कई प्राचीन चित्रकला भी देखने को मिलता है। जहानाबाद की गुफाएं बिहार घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
मां मंगला गौरी तीर्थ
मां मंगला गौरी तीर्थ मुख्यतः वैष्णव तीर्थयात्रा केंद्र बोधगया में शक्ति या माता देवी को समर्पित है। यहां पर शक्ति की पूजा एक स्तन के रूप में की जाती है, जो पोषण का प्रतीक है।

मान्यता है कि इस मंदिर में आकर जो भी सच्चे मन से मां की पूजा व अर्चना करते है। मां उस भक्त पर खुश होकर उसकी मनोकामना को पूर्ण करती है।
ऐसी भी मान्यता है कि यहां मां सती का वक्ष स्थल (स्तन) गिरा था। जिस कारण यह शक्तिपीठ ‘पालनहार पीठ’ या ‘पालनपीठ’ के रूप में प्रसिद्ध हैं, जो पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं।
मधुबनी
मधुबनी शहर बिहार का प्रसिद्ध शहर है, जो अपनी संस्कृति और कला के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। मधुबनी की पेंटिंग्स पूरे देश भर में प्रसिद्ध है।
अगर आप बिहार के संस्कृति और कला से परिचित होना चाहते हैं तो आपको मधुबनी शहर घूमने जरूर आना चाहिए। यहां पर कई सारे पर्यटन स्थल है, जिनमें देवी दुर्गा मंदिर, शिलानाथ शिव मंदिर, कपिलेश्वर, सौराठ सभा आदि कुछ प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल है।

यहां पर आने वाले पर्यटक को मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला से परिचित होने का मौका मिलता है। इसके साथ ही यहां पर उन्हें प्राचीन संस्कृति भी देखने को मिलती है। यहां पर पर्यटक सुंदर-सुंदर वस्तुएं भी खरीद सकते हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय
विश्व में ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाला नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का धरोहर है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त वंश के शासक कुमार गुप्त द्वारा कि गई थी।

इसके अलावा यही वो जगह है, जहां सम्राट अशोक ने सबसे ज्यादा मठ और मंदिरों का निर्माण करवाया था, जिसे देखने के लिए लोग देश विदेशों से आते हैं।
गिद्ध चोटी
बिहार के राजगीर शहर में स्थित गिध्द चोटी जिसे गिध्दशिखर के नाम से भी जाना जाता है। यह अपने आकार और ऊंचाई के कारण काफी ज्यादा लोकप्रिय है।

यह चोटी बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इसे भगवान बुध के पसंदीदा रिट्रीट में से एक माना जाता है।
कहा जाता है कि यहीं पर भगवान बुद्ध ने लोटस सूत्र सहित कई सारे उपदेश दिए थे और यहीं पर उनके उपदेश को सुनकर मौर्य वंश के शासक बिंबिसार ने बौद्ध धर्म में अपने आपको परिवर्तित किया था।
इस चोटी को ईगल पीक के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इसका आकार बिल्कुल एक गिध्द के सामान लगता है।
राजगीर
राजगृह को बिहार की ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी के रुप में पहचाना जाता है। भारतवर्ष के बिहार प्रदेश मे स्थित राजगीर प्राचीन समय से ही बौद्ध, जैन, हिन्दू और मुस्लिम तीर्थ स्थल है।

राजगीर पहाड़ियों से घिरी हुई एक घाटी मे स्थित है। प्राचीन समय में राजगीर को ‘राजगृह’ के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है “राजा का निवास स्थान”।
राजगीर, अपनी पत्थरों को काटकर बनाई गयी गुफाओं, बौद्ध अवशेषों, लिपियों, हिन्दू और जैन मंदिरों तथा मुस्लिम स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे देखने लोग दूर दूर सें आते हैं।
मुंगेर
बिहार के विभिन्न पर्यटन स्थलों में से एक मुंगेर जिला भी है। मुंगेर बिहार का एक प्राचीन शहर है, जहां पर कई ऐतिहासिक किला है।
योग प्रेमियों के लिए यह शहर काफी ज्यादा लोकप्रिय है। क्योंकि यहां पर देशभर से लोग योग सीखने के लिए आते हैं। मुंगेर में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक सीताकुंड है, जो मुंगेर से 6 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में स्थित है।

रामायण के कथा के अनुसार जब माता सीता को लंका से वापस लाया गया था तब उन्हें अपनी पवित्रता को प्रमाणित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी, जिसके बाद वह इसी कुंड में स्नान की थी।
आज वही कुंड सीताकुंड के नाम से जाना जाता है, जो मुंगेर जिले में स्थित है। इस कुंड का दर्शन करने के लिए देशभर से लोग बिहार के इस जिले में घूमने के लिए आते हैं।
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बिहार में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
बिहार जितना सुंदर है, उतना ही स्वादिष्ट यहां का खाना भी है। यहां पर लिट्टी-चोखा काफी फेमस है। बैगन से बने चोखा के साथ इसे हर बिहारी और बिहार में घूमने आया हर पर्यटक बेहद पसंद करता है।
इसके अलावा चावल, दाल, रोटी, सब्जियां और अचार यहाँ काफी फेमस है। बिहार का एक और स्वादिष्ट नाश्ता खाजा बिहार का पसंदीदा स्नैक है।
इसके अलावा अगर आप मीठे के शौकीन है तो स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक रसिया भी बिहार के लोकप्रिय व्यंजनों में आती है। खीर को अलग तरीके से भी बनाया जाता है, जिसे मखाने की खीर कहते हैं।
दही चूड़ा प्रसिद्ध खाने में गिना जाता है, जिसे उत्तर बिहार में खास कर शादी विवाह या कोई नही अन्य संस्कार में खाया जाता है। इसके अलावा सत्तू या तला हुआ बेसन बिहारी भोजन और व्यंजनों का एक विशिष्ट तत्व है।
सत्तू को मसाले के साथ मिलाकर गेहूं के आटे के गोले में भरकर गर्म प्लेट में घी में रोल करके सत्तू पराठा बनाने के लिए पकाया जाता है, जिसे मकुनी भी कहा जाता है।
बिहार में रुकने की जगह
अगर बिहार शहर में रुकने की बात की जाए तो यहां पर सस्ते दामों पर होटल, गेस्ट हाउस और रेंट में कमरे आसानी से मिल जाते है, जहां पर आप आसानी से ठहर सकते हैं।
हमने कुछ होटल के नाम आपके लिए ढूंढ कर निकले है, जो बिहार में काफी फेमस हैं। जैसे कि सुल्तान पैलेस, होटल पाटिलपुत्र अशोक, महात्मा होटल, होटल मौर्या, होटल मारवाड़ी पटना इत्यादि शामिल हैं।
बिहार घूमने के लिए का सही समय
अगर आप बिहार की सैर करना चाहते है तो हम बता दें कि बिहार घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है।
क्योंकि इस मौसम के दौरान पर्यटक भारी मात्रा में बिहार राज्य के दर्शनीय स्थलों का दौरा बिना किसी विलम्ब और परेशानी के साथ कर सकते हैं।
बिहार कैसे पहुंचे?
रेल द्वारा: अगर आप बिहार घूमने का प्लान बना रहे है तो आप पटना गया लाइन, फतुहा इस्लामपुर लाइन और बख्तियारपुर राजगीर लाइन पटना जंक्शन शहर के मध्य स्थित रेलवे स्टेशन है। जहां से सभी मुख्य शहरों तक एक्सप्रेस और सुपर फास्ट रेल का जाल बिछा है, जो कई शहरों को इससे जोड़ता हैं।
सडक द्वारा: बिहार आने के लिए आप अपनी गाड़ी या फिर कोई गाड़ी बुक करके आसानी सें सडक द्वारा बिहार आसानी सें पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा: अगर आप हवाई जहाज से सफर करना चाहते है तो पटना वायु मार्ग से भी शानदार ढंग से कई शहरों तथा दिल्ली, मुंबई, कोलकता से जुड़ा है। पटना का हवाईअड्डा लोक नारायण अंतर्राष्ट्रीय विमानपट्टन के नाम से जाना जाता हैं।
बिहार में घूमने का खर्चा
बिहार घूमने के खर्च की बात की जाएं तो यह आपके ऊपर निर्धारित करता है कि आप किस से जाना पसंद करेंगे और वहां जाकर आप कहां-कहां घूमना पसंद करेंगे।
आप किस होटल, गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करेंगे। साथ ही आप बिहार में कितने दिन रुकोगे, यह सब आपके बजट पर निर्भर करता हैं।
बिहार घूमते समय साथ में क्या रखें?
अगर आप बिहार घूमने के लिए प्लान बना रहे है तो आपको अपने साथ जिस से सफर कर रहे है, उसकी टिकट, अपनी आईडी प्रूफ, मोबाइल फोन, मौसम के अनुसार कपडे इत्यादि लेकर जाना चाहिए।
FAQ
बिहार की राजधानी पटना में दुनिया का सबसे बड़ा वाई-फाई रेंज जोन है। आप 20 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट की मुफ्त सुविधा का फायदा उठा सकते हैं।
दुनिया को शून्य देने वाले आर्यभट की जन्मस्थली भी बिहार ही है। शायद यही कारण है कि आज भी बिहार के लोगों की गणित बहुत तेज होती है।
बिहार राज्य का राजकीय पेड़ पीपल है। इस वृक्ष का धर्म में ही नहीं बल्कि विज्ञान में भी काफी महत्व हैं।
बिहार में बैल को राज्य पशु का दर्ज़ा प्राप्त हैं।
बिहार राज्य की जनसंख्या घनत्व 1100 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर सें भी अधिक हैं।
निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है।
हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज कि यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल और हेल्पफुल साबित हुई होगी। इसे आगे शेयर जरुर करें।
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